' Bappi Lahiri ' जी के जीवन से जुडी कुछ खास बाते : Bappi Lahiri एक सिंगर होने के साथ साथ एक कम्पोज़र , रिकॉर्ड प्रोडूसर, एक्टर और एक अच्छे पॉलिटिशियन भी थे। Bappi Lahiri जी का जन्म 27 नवंबर 1957 में हुआ और उनकी मृत्यु 16 फरवरी 2022 को 65 साल की आयु में हुई. Bappi Lahiri जी का असली नाम अलोकेष लाहिरी था। उन्होंने अपनी 3 साल की उम्र में ही तबला बजाना शुरू कर दिया था। उन्होंने तबला बजाना अपने पेरेंट्स से सीखा था। अपने लोकप्रिय डिस्को-इलेक्ट्रॉनिक संगीत के अलावा, Bappi Lahiri अपनी सार्टोरियल शैली के सिग्नेचर लुक के लिए भी जाने जाते थे, जिसमें सोने की चेन, सुनहरे अलंकरण, मखमली कार्डिगन और धूप के चश्मे शामिल थे। Film fare अवार्ड और Mirchi music award जैसे कई अवार्ड्स इनके नाम है। उनकी पहली हिंदी रचना मुकेश द्वारा गाया गया 'तू ही मेरा चंदा था'। Bappi Lahiri का आखिरी रिकॉर्ड किया गया गाना टाइगर श्रॉफ की बाघी 3 . का भंकस गाना था. नन्हा शिकारी (1973) पहली हिंदी फिल्म थी जिसके लिए उन्होंने संगीत दिया। 1986 में 33 फिल्मों के ल...
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