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जनवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Happy Republic Day 2022 || गणतंत्र दिवस क्यों, कहां और कैसे मनाया जाता है ?

गणतंत्र दिवस (Republic Day) क्यों मनाया जाता है ? 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को भारत का सविधान लागु हुआ था इसी कारण गणतंत्र दिवस 1950 से हर साल भारत में 26 जनवरी को मनाया जाता है। और इसी ही दिन आज़ाद भारत को देश का पहला राष्ट्रपति मिला था जिनका नाम था डॉ. राजिंदर परशाद था ।  गणतंत्र दिवस  (Republic Day)  पर झंडा किस द्वारा फहराया जाता है और कैसे ? इस शुभ अवसर पर झंडा देश के राष्ट्रपति जी द्वारा फहराया जाता है फहराने से अर्थ झंडा पहले ही ऊपर बंधा होता है और बंधी रस्सी को खींच कर झंडे को फहराया जाता है। और झंडा खुलते ही उसमे रखे फूलों की बारिश होती है। यह काफी अच्छा दर्शिये होता है।  गणतंत्र दिवस  (Republic Day)  कहां और कैसे मनाया जाता है ? आपने जान तो लिया ही है की गणतंत्र दिवस पर कौन झंडा फहराता है अब जानते है गणतंत्र दिवस का कार्येकर्म कहा आयोजित किया जाता है : 26 जनवरी यानि की गणतत्र दिवस को झंडा राजपथ पर फहराया जाता है झंडा फहराने के बाद सभी खड़े होकर देश का राष्ट्रीय गान गाते है ...

National Youth Day 2022 || स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर जानिए उनके जीवन के साथ जुडी खास बाते !

स्वामी विवेकानंद के शुभ विचारों ने हर एक को जीवन में कुछ करने के लिए उत्साहित किया उनके विचार बहुत मोटीवेट करने वाले है।  जैसे उनका मशहूर और मेरा पंसदीदा विचार है : उठो, जागो और तब तक नहीं रुको  जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाए।  दोस्तों स्वामी विवेकानंद जी जिनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ।  और इस खास दिन को अब 'National Youth Day' के तोर पर मनाया जाए करेगा। स्वामी जी वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे।  उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था।स्वामी विवेकानंद जी  श्री रामकृष्ण परमहंस जी के शिष्ये थे।  लोगो की सेवा को करना वो भगवान की पूजा करने के सामान समझते थे।  आप जी ने 1 मई 1897 को रामकृष्ण मिशन की स्थापना करी। तीस वर्ष की आयु में स्वामी विवेकानन्द ने शिकागो, अमेरिका के विश्व धर्म सम्मेलन में हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया और उसे सार्वभौमिक पहचान दिलवायी। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने एक बार कहा था-"यदि आप भारत को जानना चाहते हैं तो विवेकानन्द...

कौन है वो वीर जिनकी याद में मनाया जाएगा 'वीर बाल दिवस'?

  गाइस हम सभी जानते ही है की सिख धर्म का एक अपना ही खास महतव है। सिख धर्म  के गुरुओ ने लोगो को सही मार्ग दर्शन दिखाया और भगवान से मिलने का मार्ग बताया। और इसी के साथ सिखाया जुलम के खिलाफ कैसे बहादरी से लड़ा जाए। जुल्मी सरकारों का जुलम न सहन करते हुए सिख समुदाए के कई लोगो और गुरुओं ने बेझिझक क़ुरबानी दे दी।  सिख धरम के पांचवे गुरु गुरु अर्जन देव जी जिन्होंने मुगलों के ज़ुलम के खिलाफ आवाज़ उठाई और यह ही सिखों के पहले गुरु थे जिनको शहीद किया गया था और इनको 'शहीदों के सरताज भी ' कहा जाता है। और इनके बाद गुरु हर गोबिंद जी सिखों के छठे गुरु बने। और इन्होने ज़ुलम के खिलाफ लड़ने के लिए 'मिरि और पिरि' तलवार की स्थापना करी।  ऐसे ही आते है सिखों के 10वे गुरु जिनके परिवार तक ने भी बड़ी बहादरी से जालिम सरकार मुगलो का मुकाबला किया। गुरु गोबिंद जी के चार बेटे थे जिनको साहिबज़ादे भी कहा जाता है इनके नाम है :  अजीत सिंह जी (18 वर्ष),  जुझार सिंह जी (14 वर्ष),  जोरावर सिंह जी (9 वर्ष)  और फतेह सिंह जी (7 वर्ष)। आप को जानकर बहुत दुःख होगा की गुरु जी के दो छोटे साहि...

Coronavirus | | सर्वे मुताबिक कुछ लोग 10 दिन तक नहीं धोते मास्क !

गाइस जब से कोरोना महामारी (Coronavirus) आयी है हम सबको मास्क पहनना जरुरी सा हो गया है और कोरोना महामारी ( Coronavirus ) के मद्देनजर लोगों को मास्क पहनने के लिए सरकार की तरफ से लगतार जागरूक भी किया जा रहा है, लेकिन लोग अब भी मास्क के रख-रखाव के प्रति जागरूक नहीं हैं।मास्क साफ करने के मामले में लोग उल्टे साबित हो रहे हैं।                  यूके में 2,000 लोगों के एक हालिया सर्वेक्षण में पाया गया कि सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से आधे ने बिना धोए 10 बार एक ही मास्क पहनने की बात स्वीकार की।                  सर्वे में पाया गया कि 13 फीसदी लोग इस बात से चिंतित हैं कि उनके मास्क इतने नाजुक हैं कि धोए जाने पर वे खराब हो जाएंगे। 51% लोग अपने फेस मास्क को अपनी जेब में रखते हैं। 41% लोग अपने मास्क को अपने बैग में रखते हैं और 33% कार में मास्क रखते हैं। आखिर क्यों नहीं धोते मास्क : 1. कपड़ो के मुकाबले मास्क का कम उपयोग होता है (अर्थात कपड़ो को हम दिन भर पाकर रखते है ) जैसे कोई दुकान या फि...

'Bully Bai App' सोशल मीडिया पर एक्टिव महिलाओं के लिए है क्यों है ख़तरनाक ?

हेलो गाइस शायद अपने 'Bully Bai App' का नाम तो सुना ही होगा कुछ दिनों से यह बहुत चर्चा में है। यह एप्प सोशल मीडिया पर एक्टिव महिलाओं के लिए बहुत खतरनाक है। आखिर क्यों थी यह एप्प महिलाओ के लिए ख़तरनाक ?  🤔🤔 इस एप्प को खोलते ही महिलाओ की तसवीरे दिखती है। यह तस्वीरें उन महिलाओ की है जो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है। उनके सोशल एकाउंट्स से उनका पर्सनल डाटा चुरा के गलत ढग से इस्तेमाल किया जा रहा था। और इस एप्प पर महिलाओं पर अभद्र टिप्णियां भी की जाती थी। 'Bully Bai App'  को गिटहब प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया गया था । गिटहब , माइक्रोसॉफ्ट का एक ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म है । यह अपने यूजर्स को कोई भी एप बनाने और उन्हें शेयर करने का विकल्प देता है । इसको भारत सरकार ने बंद भी कर दिया है। गौरतलब है कि ऐप का प्रचार एक ट्विटर हैंडल से भी किया जा रहा था उस अकाउंट को भी ट्विटर से हटा दिया गया है। दिल्ली पुलिस, स्पेशल सेल ने 'बुली बाई ऐप' के मुख्य आरोपी को असम से गिरफ्तार किया है.  पुलिस का दावा है कि नीरज 'Bully Bai App' का मास्टरमाइंड है। आखिर अब सेफ कैसे रहे ? ...